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ତିଲକ ମଂତ୍ର  |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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ଲଲାଟେ କେଶଵଂ ଧ୍ଯାଯେନ୍ ନାରାଯଣମଥୋଦରେ
ଵକ୍ଷଃସ୍ଥଲେ ମାଧଵଂ ତୁ ଗୋଵିନ୍ଦଂ କଣ୍ଠକୂପକେ॥1॥ |
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ଵିଷ୍ଣୁଂ ଚ ଦକ୍ଷିଣେ କୁକ୍ଷୌ ବାହୌ ଚ ମଧୁସୂଦନମ୍
ତ୍ରିଵିକ୍ରମଂ କନ୍ଧରେ ତୁ ଵାମନଂ ଵାମପାର୍ଶ୍ଵକେ॥2॥ |
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ଶ୍ରୀଧରଂ ଵାମବାହୌ ତୁ ହୃଷୀକେଶଂ ତୁ କନ୍ଧରେ
ପୃଷ୍ଠେ ଚ ପଦ୍ମନାଭଂ ଚ କଟଯାଂ ଦାମୋଦରଂ ନ୍ଯସେତ୍॥3॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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