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श्री युगलाष्टकम्  |
श्रील जीव गोस्वामी |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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कृष्ण-प्रेम-मयी राधा
राधा प्रेममयो हरिः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥1॥ |
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कृष्णस्य द्रविणं राधा
राधाया द्रविणं हरिः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥2॥ |
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कृष्ण-प्राण-मयी राधा
राधा-प्राणमयो हरिः
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥3॥ |
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कृष्ण-द्रव-मयी राधा
राधा-द्रवमयो हरिः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥4॥ |
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कृष्ण-गेहे स्थिता राधा
राधा-गेहे स्थितो हरिः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥5॥ |
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कृष्ण-चित्त-स्थिता राधा
राधा-चित्तस्थितो हरिः।
जीव ने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥6॥ |
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नीलाम्बर-धरा-राधा
पीताम्बर-धरो हरिः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥7॥ |
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वृन्दावनेश्वरी राधा
कृष्णो वृंदावनेश्वरः।
जीवने निधने नित्यम्
राधा-कृष्णौ गतिर् मम्॥8॥ |
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शब्दार्थ |
(1) राधाजी, कृष्ण के प्रति शुद्ध प्रेम से बनी हैं और हरि राधाजी के प्रति शुद्ध प्रेम से बने हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण ही मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(2) राधाजी कृष्ण का खजाना हैं और हरि राधा का खजाना हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(3) राधा-कृष्ण की प्राण-शक्ति से वयाप्त हैं और कृष्ण राधा की प्राण-शक्ति से वयाप्त हैं। - जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(4) राधाजी कृष्ण में पूर्णतः विलीन हैं और कृष्ण या हरि राधा में पूर्णतः विलीन हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(5) राधा-कृष्ण के शरीर में स्थित हैं और हरि राधा की देह में स्थित हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(6) राधा-कृष्ण के हृदय में स्थिर हैं और हरि राधा के हृदय में स्थिर हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(7) राधा नीले रंग के वस्त्र पहनती हैं और हरि पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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(8) राधा वृन्दावन की वामिनी हैं और कृष्ण वृन्दावन के स्वामी हैं- जन्म में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे नित्य आश्रय हैं। |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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