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গৌরাঙ্গ তুমি মোরে  |
শ্রীল বাসুদেব ঘোষ |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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গৌরাঙ্গ তুমি মোরে দযা না ছাডিহো
আপন করিযা রাংগা চরণে রাখিহো॥1॥ |
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তোমার চরণ লাগি সব তেযগিলু
শীতল চরণ পাযা শরণ লোইলু॥2॥ |
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এই কুলে ও কুলে মুঞী দিলু তিলাঞ্জলি
রাখিহো চরণে মোরে আপনার বোলী॥3॥ |
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বাসুদেব ঘোষে বোলে চরণে ধরিযা।
কৃপা করী রাখো মোরে পদ-ছাযা দিযা॥4॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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