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ଜଯ ରାଧା ମାଧଵ  |
ଶ୍ରୀଲ ଭକ୍ତିଵିନୋଦ ଠାକୁର |
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(ଜଯ) ରାଧା ମାଧଵ (ଜଯ) କୁଂଜବିହାରୀ।
(ଜଯ) ଗୋପୀଜନ ଵଲ୍ଲଭ (ଜଯ) ଗିରିଵରଧାରୀ॥ |
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(ଜଯ) ଯଶୋଦା ନଂଦନ (ଜଯ) ବ୍ରଜଜନରଂଜନ।
(ଜଯ) ଯମୁନାତୀର ଵନଚାରୀ॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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