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જય રાધા માધવ  |
શ્રીલ ભક્તિવિનોદ ઠાકુર |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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(જય) રાધા માધવ (જય) કુંજબિહારી।
(જય) ગોપીજન વલ્લભ (જય) ગિરિવરધારી॥ |
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(જય) યશોદા નંદન (જય) બ્રજજનરંજન।
(જય) યમુનાતીર વનચારી॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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