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શ્રી રાધિકાસ્તવ  |
શ્રીલ રૂપ ગોસ્વામી |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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(ટેક) રાધે! જય જય માધવ દયિતે।
ગોકુલ-તરુણી મણ્ડલ-મોહિતે॥ |
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દામોદર-રતિવર્ધન-વેશે।
હરિનિષ્કુટ-વૃન્દાવિપિનેશે॥1॥ |
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વૃષભાનુદધિ - નવશશિલેખે।
લલિતા સખીગણ રમિત વિશાખે॥2॥ |
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કરુણાં કુરુ મયિ કરુણા ભરિતે।
સનક સનાતન-વર્ણિત ચરિતે॥3॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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