वैष्णव भजन  »  परम करुणा
 
 
శ్రీల లోచనదాస ఠాకుర       
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ |
 
 
పరమ కరుణా, పహుఁ దుఇజన,
నితాఈ గౌరచన్ద్ర।
సబ అవతార, సార-శిరోమణి,
కేవల ఆనన్ద-కన్ద॥1॥
 
 
భజ భజ భాఈ, చైతన్య-నితాఈ,
సుదృढ़ విశ్వాస కరి’।
విషయ ఛాड़ియా, సే రసే మజియా,
ముఖే బోలో హరి-హరి॥2॥
 
 
దేఖ ఓరే భాఈ, త్రిభువనే నాఇ,
ఏమన దయాల దాతా।
పశు పక్షీ ఝురే, పాషాణ విదరే,
శుని’ యార గుణగాథా॥3॥
 
 
సంసారే మజియా, రహిలే పड़ియా,
సే పదే నహిల ఆశ।
ఆపన కరమ, భుఞ్జాయ శమన,
కహయే లోచనదాస॥4॥
 
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.