वैष्णव भजन  »  एक-दिन शांतीपुरे
 
 
ଶ୍ରୀଲ ଭକ୍ତିଵିନୋଦ ଠାକୁର       
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ |
 
 
ଭାଈ-ରେ!
ଏକ-ଦିନ ଶାଂତୀପୁରେ, ପ୍ରଭୁ ଅଦ୍ଵୈତେର ଘରେ,
ଦୁଇ ପ୍ରଭୁ ଭୋଜନ ବସିଲ
ଶାକ କରି ଆସ୍ଵାଦନ, ପ୍ରଭୁ ବଲେ ଭକ୍ତ-ଗଣ,
ଏଇ ଶାକ କୃଷ୍ଣ ଆସ୍ଵାଦିଲ॥1॥
 
 
ହେନ ଶାକ-ଆସ୍ଵାଦନେ, କୃଷ୍ଣ-ପ୍ରେମ ଐସେ ମନେ,
ସେଇ ପ୍ରେମେ କର ଆସ୍ଵାଦନ,
ଜଡ଼-ବୁଦ୍ଧି ପରିହରୀ ପ୍ରସାଦ ଭୋଜନ କରି,
ହରି ହରି ବଲ ସର୍ଵ ଜନ॥2॥
 
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.