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ଶ୍ରୀ ବଲରାମ ପ୍ରଣାମ  |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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ନମସ୍ତେ ହଲାଗ୍ରମ ନମସ୍ତେ ମୂଷଲାଯୁଧ।
ନମସ୍ତେ ରେଵତୀ-କାନ୍ତ ନମସ୍ତେ ଭକ୍ତ-ଵତ୍ସଲ॥1॥ |
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ନମସ୍ତେ ବଲିନାଂ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ନମସ୍ତେ ଧରଣୀ-ଧର।
ପ୍ରଲମ୍ବାରେ ନମସ୍ତେ ଽସ୍ତୁ ତ୍ରାହି ମାଂ କୃଷ୍ଣ-ପୂର୍ଵଜ॥2॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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