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श्री तुलसी प्रदक्षिणा मंत्र  |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यादिकानि च।
तानि-तानि प्रणश्यन्ति प्रदक्षिणः पदे-पदे॥ |
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शब्दार्थ |
श्रीमती तुलसी देवी की परिक्रमा करने से प्रत्येक पद पर ब्रह्महत्यापर्यन्त सभी पापों का नाश होता है। |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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