|
|
|
श्री नृसिंह कवच बीज मंत्र  |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
|
|
उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥ |
|
|
शब्दार्थ |
हे क्रुद्ध एवं शूर-वीर महाविष्णु, आपकी ज्वाला एवं ताप चतुर्दिक फैली हुई है। हे नृसिंहदेव, आपका चेहरा सर्वव्यापी है, आप मृत्यु के भी यम हो और मैं आपके समक्ष आत्मसमर्पण करता हूँ। |
|
|
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
|
|
|