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बोलो हरि बोलो  |
श्रील भक्तिविनोद ठाकुर |
भाषा: हिन्दी | English | தமிழ் | ಕನ್ನಡ | മലയാളം | తెలుగు | ગુજરાતી | বাংলা | ଓଡ଼ିଆ | ਗੁਰਮੁਖੀ | |
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बोलो हरि बोलो (3 बार)
मनेर आनंदे भाइ, बोलो हरि बोलो
बोलो हरि बोलो (3 बार)
जनमे जनमे सुखे बोलो हरि बोलो॥1॥ |
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बोलो हरि बोलो (3 बार)
मानव जनम पेये भाइ, बोलो हरि बोलो
बोलो हरि बोलो (3 बार)
सुखे थाको दुःखे थाको, बोलो हरि बोलो॥2॥ |
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बोलो हरि बोलो (3 बार)
संपदे विपदे भाइ, बोलो हरि बोलो
बोलो हरि बोलो (3 बार)
गृहे थाको वने थाको, बोलो हरि बोलो
कृष्णेर संसारे थाकी, बोलो हरि बोलो॥3॥ |
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बोलो हरि बोलो (3 बार)
असत् संग छाडि भाइ, बोलो हरि बोलो
बोलो हरि बोलो (3 बार)
वैष्णव चरणे पडि, बोलो हरि बोलो॥4॥ |
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बोलो हरि बोलो (3 बार)
गौर नित्यानंद बोलो (3 बार)
गौर गदाधर बोलो (3 बार)
गौर अद्वैत बोलो (3 बार)॥5॥ |
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शब्दार्थ |
अर्थ / अनुवाद केवल अंग्रेजी में उपलब्ध है। |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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