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श्री पञ्चतत्त्व प्रणाम  |
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पञ्चतत्त्वात्मकं कृष्णं भक्तरूपस्वरूपकम्।
भक्तावतारं भक्ताख्यं नमामि भक्तशक्तिकम्॥ |
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शब्दार्थ |
भक्तरूप (चैतन्य महाप्रभु), भक्तस्वरूप (नित्यानंद प्रभु), भक्तावतार (अद्वैताचार्य), भक्त (श्रीवास प्रभु), भक्तशक्ति (गदाधर पंडित) - इन पञ्चतत्त्वात्मक भगवान् श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ॥ |
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ |
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