यदि आप इसे ट्रांसक्राइब करने की सेवा कर सकते हैं, तो कृपया हमे संपर्क करें या ट्रांसक्रिप्शन्स को यहाँ भेजें - info@vedamrit.in
If you can kindly volunteer to transcribe it, pls contact us or send transcriptions at info@vedamrit.in
कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो
कर दो कर दो कर दो
कर दो कर दो कर दो कर दो
कर दो消
कर दो
कर दो
कर दो
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
बोलिये, बोलिये
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानितं पंधीदं
परिणमानित्ता दीरूपं साक्रजातं तहगने रब्रातानित्तं पंधीदं
यह हरे कृष्णा मंत्रा अंदलन जो अभी सारा दुनिया में चल रहा है।
न्यू यौर्ड से शुरू हुई थे। उसको पश्चा स्ट्रांग फांसिस्को, लॉस एंजेली, मॉंट्रियल, बसेलो, बॉस्टॉक, आश्टे आश्टे इरोम में, लन्डन, एडिंबरा, हम्बर, बर्लिज, पैरिस, आमिस्टरडाम, पे ओस्टिलिया में और जापान में
साड़ा दुनिया में कि इंटरनेशनल सुसाइटी फॉर कृष्ण कांशस्नेस, इसका 45 केंद्र खुल गया है।
एक-एक केंद्र में 25 से 50 तक जैसा भक्क आप लोग का सामने प्रस्तूप है, ऐसा कीतन और भगव ध्वजण अर्चन
सबरे से 5 बजे से शुरू करके रात 10 बजे तक धाराबाई चल रहा है।
यह जो मॉव्मेंट, आंदोलोग, चैतन्य महापुर्व आज से 500 वर्ष पहले भारत में शुरू किया था।
और उनकी भविष्यात बानी है।
उनका कहना है, यह सारा दुनिया में जितना सहर और घाव है, सब जगह में यह चैतन्य महापुर्व को प्रवर्षित कृष्ण संखीत और आंदोलोग सब जगह में जारी रहेगा।
उसका शुरू हुआ है मात्रा।
तो आप लोग कहते हैं।
जो परदेशी जो पांच बरस पहले कृष्ण का नाम भी नहीं जानता था।
वो लोग कितना आदर से और कितना मनजोग से यह हर कीतन आंदोल का ध्रण किया है।
इसको प्रस्तुत करने के लिए मैं अमेरिका, कैनेडा, यूरोपियन यह जो नवजवान और जुवती है आपको सामने लिया है।
हमारा विशेष स्विधन है जो इस सभा में जो नवजवान उपस्थित है।
कि कृष्णा आंदोलन का जो दार्शनिक विचार है उसको अच्छी थरते समझे।
हमारा पास ज्यादा हिंदू, हिंदी किताबे अभी प्रस्तुत है नहीं।
ताकि भारत बस में केंद्र स्थाफित होने से हिंदी किताब, हिंदी मैगेजिन बैक टु कॉड़ हेड हम लोग शालू किया है।
हमारा जो बैक टु कॉड़ हेड मैगेजिन है वो पांच ढाप अभी मैना में सबा जाता है।
वो इंग्लिज में, अङ्ग्लिजी में और ट्रेंक्स लैंग्गर, जर्मल लैंग्गर, जापानीस लैंग्गर और हिंदी भाषा में अभी चालू है।
बहुत जल्दी बंगलवाशा में भी चालू रहे रहे।
और और भाषा में भी प्रवर्चित करने की इच्छा है भगवान की इच्छा हमेशे वो भी चल है कारण का मतलब है कि मनुष्य जीवन जो है भगवान से क्या संपर्क है उससे स्थापित करने की जीवन
पौशूत जीवन में भगवान को भुल गयाते हैं, अगर मनुष्य जीवन में भी भगवान को भुल गया तो वो पौशूत जीवन ही रही गया, उसका मनुष्य जीवन का कोई सार्थपताता है कि ये खाना पिना बच्चा पैदा करना और दिन महरि परिष्वंग करना ये त
आपना संपर्क का भगवायर से किया है उसको समझना है उसका नाम है बाहर उसका नाम है मनुष्य जीवन का सफलता ऐसा पद्दो पुरान में कहते हैं कि चुराशिरात जोनी भवन करते करते जो मनुष्य जीवन जब मिल गया उस समय भी गोविंद का संपर्क नहीं हुआ तो
वह तो है जो मनुष्य समाज में भगवान का संपर्क शायद है और भगवान तो कहते हैं अनेर मोर्क लोग कहते हैं बगवान कहां है
भगवान को देखाओ तो भगवान तो मौजूद है भगवान तो आपका भार्मपस्थ में भगवान शीरी कृष्ण भगवान राम चंद्र
चंग उपस्थित है तो आप आपके सिर्फ कि भगवान तहां है पर्देसी कहते भगवान कृष्ण धुभु
शांत्र के सिध्यक भगवान केवल ऑपर टाठिक करके अपनों लीला प्रकट करके आपलों को सब चंग आगे आगा बगवद
कीता आप लोग को दे गए हैं फिर आप लोग क्यों कहते हैं भगवान कहां है भगवान नहीं है भगवान मर गया है यह
तो क्या बात है इसलिए कि कृष्ण संकीत नांदुर्ण में आप लोग सब जो सब लोग जोगदान कीजिए सावजप कीजिए आपका जीवन
सफल होगा और यह भगवान से संपर्थ सापित करने के लिए करिजुग में बहुत ही सरल उपाय है केवल हरेर नाम हरेर नाम
हरेर नाम एवं केवलं कड़ा शिवणा सिव ना शिव गतिवंद सामंत सबस्क्राइब और कोई नियम इतर स्मर्णें न कारां भगवदु
नाम स्मर्ण करने के लिए कोई समय और समय ऐसे कोई नियम नहीं है जब आपको सुविता में केवल आप हरे कृष्ण
हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे यह मंत महामंत्र को जपांखी किए देखिए
आपका जीवन कैसे हो गया था अब आप से भगवान आपका रिदय में हम रिदय भगवान को कोशिश करके कोई जान नहीं सकता
है परन्तु सास्त्र्वत प्रत्त ते सेवनं के ही जिवभा दे दूसरे में गई भृत ग्रहम
जो जीवा को भगव सेवा में लगा देते हैं उसको पास भगवान उसको शाम में शाम शाम शाम उपस्थित हो जाते हैं
शाम भगवान प्रकाश होते हैं भगवान को जैसे सूर्ज का अभिरात है आप जबरदस्ती सूर्ज को उठा नहीं सकते
परंतो जब समय होगा सूर्ज खुद ही उदय हो जाये इसी प्रकार भगवान को जीवा दिए जीवा दो शेवन मुखी जीवा दो
जीवा को आप शेवन भगवान सेवा में लगा देंगे जीवा को शेवन मुख में लगाने का एक मात रूप है जीवा से दो काम होता है
जिवाह से जो हाथ दो वोष्पू है वो आख साधन किया जाता है और जिवाह से हम लोग अ प्रवोचन कर सकते बोल सकते
हैं तो यही सिरुख भगवान का शेबा लगा दीजिए एक तो हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण फिटन दोласти हरी हरे हरी
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ये तो एक सेवा ये है और दूसरी सेवा है ये जीवा को भगवत प्रसाद बिना कोई चीज को स्पर्श करने को नहीं दीजिए
देखिए आपको जीवन कैसा पढ़क जाता है और कैसे भगवाद से संपर्ग बन जाता है और कैसे आप लगसुखी होंगे उसको प्रवान सरो देखिए परदेशी ये नवजवान जीवति लो कैसा अपना भाम से भगवत की तंकर है
और ये लग सब छोड़ गया, जीवा को, और मदिरा को, अबे स्पर्श नहीं करने देता है, मदिरा मान्स ये सब छूने को भी नहीं देता है, सिगरेत को भी छूने नहीं देता है, चाब भी छोड़ दिया है, कॉपी भी छोड़ दिया है, और जुवा खेलना छोड़ दिया
कर दो कि आप इस तरफ विषय को उपयोग कर दो कि वह पर इस पर पुषण है कुछ बोलेट अ
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥