श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 24: भगवान् श्रीकृष्ण  »  श्लोक 61
 
 
श्लोक  9.24.61 
 
 
कलौ जनिष्यमाणानां दु:खशोकतमोनुदम् ।
अनुग्रहाय भक्तानां सुपुण्यं व्यतनोद् यश: ॥ ६१ ॥
 
अनुवाद
 
  इस कलियुग में भविष्य में जन्म लेने वाले भक्तों पर दयालुता दिखाने के लिए, भगवान कृष्ण ने ऐसे कार्य किए कि उनको याद रखने से ही लोग भौतिक जीवन के सभी दुखों और चिंताओं से मुक्त हो सकेंगे। [दूसरे शब्दों में, उन्होंने ऐसा किया जिससे भविष्य के सभी भक्त, भगवद गीता में दिए गए कृष्ण चेतना के निर्देशों को अपनाकर, भौतिक जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें।]
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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