श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 24: भगवान् श्रीकृष्ण  »  श्लोक 6-8
 
 
श्लोक  9.24.6-8 
 
 
पुरुहोत्रस्त्वनो: पुत्रस्तस्यायु: सात्वतस्तत: ।
भजमानो भजिर्दिव्यो वृष्णिर्देवावृधोऽन्धक: ॥ ६ ॥
सात्वतस्य सुता: सप्त महाभोजश्च मारिष ।
भजमानस्य निम्‍लोचि: किङ्कणो धृष्टिरेव च ॥ ७ ॥
एकस्यामात्मजा: पत्‍न्यामन्यस्यां च त्रय: सुता: ।
शताजिच्च सहस्राजिदयुताजिदिति प्रभो ॥ ८ ॥
 
अनुवाद
 
  अनु का पुत्र पुरुहोत्र हुआ जिसके पुत्र अयु का पुत्र सात्वत था। हे महान आर्य राजा, सात्वत के सात पुत्र थे — भजमान, भजि, दिव्य, वृष्णि, देवावृध, अन्धक तथा महाभोज। भजमान की एक स्त्री से निम्लोचि, किंकण और धृष्टि नाम के तीन पुत्र उत्पन्न हुए और उसकी दूसरी स्त्री से शताजित, सहस्राजित और अयुताजित नामक तीन पुत्र हुए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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