श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 22: अजमीढ के वंशज  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  9.22.2 
 
 
तस्य पुत्रशतं तेषां यवीयान् पृषत: सुत: ।
स तस्माद् द्रुपदो जज्ञे सर्वसम्पत्समन्वित: ॥ २ ॥
 
अनुवाद
 
  सोमक के एक सौ पुत्र थे, जिनमें से सबसे छोटा पृषत था। पृषत के पुत्र राजा द्रुपद हुए, जो सभी तरह से ऐश्वर्यशाली थे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.