श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 19: राजा ययाति को मुक्ति-लाभ  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  9.19.4 
 
 
तस्या उद्धरणोपायं बस्त: कामी विचिन्तयन् ।
व्यधत्त तीर्थमुद्‍धृत्य विषाणाग्रेण रोधसी ॥ ४ ॥
 
अनुवाद
 
  बकरी को कुएँ से निकालने की युक्ति बनाकर, कामातुर बकरे ने अपने नुकीले सींगों से कुएँ के किनारे की मिट्टी खोद डाली जिससे वह बकरी कुएँ से सहजतापूर्वक बाहर निकल सकी।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.