परशुराम की माँ और जमदग्नि की पत्नी रेणुका ने करुणाजनक प्रार्थनाओं के साथ अपने पति के जीवन की भीख माँगी। किंतु कार्तवीर्यार्जुन के पुत्र क्षत्रिय गुणों से रहित होकर इतने निर्दयी थे कि उसकी प्रार्थनाओं के बावजूद उन्होंने उसका सिर काट लिया और उसे ले गए।