श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 16: भगवान् परशुराम द्वारा विश्व के क्षत्रियों का विनाश  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  9.16.12 
 
 
याच्यमाना: कृपणया राममात्रातिदारुणा: ।
प्रसह्य शिर उत्कृत्य निन्युस्ते क्षत्रबन्धव: ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  परशुराम की माँ और जमदग्नि की पत्नी रेणुका ने करुणाजनक प्रार्थनाओं के साथ अपने पति के जीवन की भीख माँगी। किंतु कार्तवीर्यार्जुन के पुत्र क्षत्रिय गुणों से रहित होकर इतने निर्दयी थे कि उसकी प्रार्थनाओं के बावजूद उन्होंने उसका सिर काट लिया और उसे ले गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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