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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 9: मुक्ति
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अध्याय 15: भगवान् का योद्धा अवतार, परशुराम
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श्लोक 4
श्लोक
9.15.4
जह्नोस्तु पुरुस्तस्याथ बलाकश्चात्मजोऽजक: ।
तत: कुश: कुशस्यापि कुशाम्बुस्तनयो वसु: ।
कुशनाभश्च चत्वारो गाधिरासीत् कुशाम्बुज: ॥ ४ ॥
अनुवाद
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जह्नु के पुत्र पुरु थे, पुरु के बलाक थे, बलाक के अजक थे और अजक के पुत्र कुश थे। कुश के चार पुत्र हुए जिनके नाम कुशाम्बुज, तनय, वसु और कुशनाभ थे। कुशाम्बु के पुत्र गाधि थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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