उर्वश्युवाच
कस्यास्त्वयि न सज्जेत मनो दृष्टिश्च सुन्दर ।
यदङ्गान्तरमासाद्य च्यवते ह रिरंसया ॥ २० ॥
अनुवाद
उर्वशी ने उत्तर दिया: हे सुंदरतम पुरुष, ऐसी कौन सी स्त्री होगी जिसका मन और आँखें आपकी ओर आकर्षित न हों? यदि कोई स्त्री आपकी छाती का सहारा लेती है, तो वह आपके साथ यौन संबंध बनाने से इनकार नहीं कर सकती।