श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 13: महाराज निमि की वंशावली  »  श्लोक 20-21
 
 
श्लोक  9.13.20-21 
 
 
कृतध्वजात् केशिध्वज: खाण्डिक्यस्तु मितध्वजात् ।
कृतध्वजसुतो राजन्नात्मविद्याविशारद: ॥ २० ॥
खाण्डिक्य: कर्मतत्त्वज्ञो भीत: केशिध्वजाद्‍द्रुत: ।
भानुमांस्तस्य पुत्रोऽभूच्छतद्युम्नस्तु तत्सुत: ॥ २१ ॥
 
अनुवाद
 
  हे महाराज परीक्षित, कृतध्वज का पुत्र केशिध्वज और मितध्वज का पुत्र खाण्डिक्य हुआ। कृतध्वज का पुत्र अध्यात्म विद्या में और मितध्वज का पुत्र वैदिक विधियों के ज्ञान में पटु था। खाण्डिक्य केशिध्वज के भय से भाग गया। केशिध्वज का पुत्र भानुमान और भानुमान का पुत्र शतद्युम्न था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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