श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 12: भगवान् रामचन्द्र के पुत्र कुश की वंशावली  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  9.12.1 
 
 
श्रीशुक उवाच
कुशस्य चातिथिस्तस्मान्निषधस्तत्सुतो नभ: ।
पुण्डरीकोऽथ तत्पुत्र: क्षेमधन्वाभवत्तत: ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी ने कहा: रामचन्द्र का पुत्र कुश था, कुश का पुत्र अतिथि था, अतिथि का पुत्र निषध और निषध का पुत्र नभ था। नभ का पुत्र पुण्डरीक था और पुण्डरीक का पुत्र क्षेमधन्वा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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