श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 11: भगवान् रामचन्द्र का विश्व पर राज्य करना  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  9.11.10 
 
 
इति लोकाद् बहुमुखाद् दुराराध्यादसंविद: ।
पत्या भीतेन सा त्यक्ता प्राप्ता प्राचेतसाश्रमम् ॥ १० ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव जी ने कहा कि अल्प ज्ञान और घृणित चरित्र वाले व्यक्ति हमेशा बकवास करते रहते हैं। ऐसे दुष्टों के डर से भगवान राम ने अपनी गर्भवती पत्नी, सीतादेवी को त्याग दिया। इस प्रकार सीतादेवी वाल्मीकि मुनि के आश्रम में चली गईं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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