तस्यानुचरितं राजन्नृषिभिस्तत्त्वदर्शिभि: ।
श्रुतं हि वर्णितं भूरि त्वया सीतापतेर्मुहु: ॥ ३ ॥
अनुवाद
हे राजन परीक्षित, भगवान रामचंद्र के अलौकिक कृत्यों का वर्णन उन ऋषियों ने किया है, जिन्होंने सच्चाई को देखा है। चूँकि आपने सीतापति रामचंद्र के बारे में बार-बार सुना है, इसलिए मैं इन कृत्यों का वर्णन संक्षेप में ही करूँगा। कृपया सुनिए।