श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 10: परम भगवान् रामचन्द्र की लीलाएँ  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  9.10.1 
 
 
श्रीशुक उवाच
खट्‍वाङ्गाद् दीर्घबाहुश्च रघुस्तस्मात् पृथुश्रवा: ।
अजस्ततो महाराजस्तस्माद् दशरथोऽभवत् ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी ने कहा: राजा खट्वांग के पुत्र दीर्घबाहु हुए और उनके पुत्र महान राजा रघु हुए। राजा रघु के अज पुत्र हुए और अज से महापुरुष राजा दशरथ हुए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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