अलं दग्धैर्द्रुमैर्दीनै: खिलानां शिवमस्तु व: ।
वार्क्षी ह्येषा वरा कन्या पत्नीत्वे प्रतिगृह्यताम् ॥ १५ ॥
अनुवाद
अब इन बेचारे पेड़ों को जलाने की ज़रूरत नहीं है। जो पेड़ बचे हैं, उन्हें खुशी-खुशी रहने दो। बेशक, तुम्हें भी खुश रहना चाहिए। यहाँ एक सुंदर, योग्य लड़की है जिसका नाम मारिषा है, जिसका पालन-पोषण पेड़ों ने अपनी बेटी की तरह किया है। तुम इस सुंदर लड़की को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर सकते हो।