श्रीराजोवाच
निशम्य देव: स्वभटोपवर्णितं
प्रत्याह किं तानपि धर्मराज: ।
एवं हताज्ञो विहतान्मुरारे-
र्नैदेशिकैर्यस्य वशे जनोऽयम् ॥ १ ॥
अनुवाद
राजा परीक्षित बोले - हे प्रभु हे शुकदेव गोस्वामी, यमराज सभी जीवों के धार्मिक और अधार्मिक कार्यों के नियंत्रक हैं, लेकिन उनका आदेश विफल हो गया। जब उनके सेवकों यानी यमदूतों ने उन्हें विष्णुदूतों के हाथों अपनी हार की सूचना दी, जिसने अजामिल को गिरफ्तार करने से रोक दिया था, तो यमराज ने क्या जवाब दिया?