श्रीबादरायणिरुवाच
एवं ते भगवद्दूता यमदूताभिभाषितम् ।
उपधार्याथ तान् राजन् प्र्रत्याहुर्नयकोविदा: ॥ १ ॥
अनुवाद
श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा : हे राजन! भगवान विष्णु के सेवक तर्क-वितर्क तथा नीति शास्त्र में बड़े ही निपुण होते हैं। यमदूतों के कथनों को सुनकर उन्होंने उत्तर दिया।