नाधौतपादाप्रयता नार्द्रपादा उदक्शिरा: ।
शयीत नापराङ्नान्यैर्न नग्ना न च सन्ध्ययो: ॥ ५१ ॥
अनुवाद
तुम्हें न तो दोनों पाँव धोए बिना या शुद्ध हुए बिना, न ही गीले पाँव अथवा अपना सिर पश्चिम या उत्तर करके सोना चाहिए। सूर्योदय या सूर्यास्त के समय, निर्वस्त्र होकर या अन्य स्त्रियों के साथ नहीं लेटना चाहिए।