श्रीशुक उवाच
पृश्निस्तु पत्नी सवितु: सावित्रीं व्याहृतिं त्रयीम् ।
अग्निहोत्रं पशुं सोमं चातुर्मास्यं महामखान् ॥ १ ॥
अनुवाद
श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा कि अदिति के बारह पुत्रों में से पाँचवें पुत्र सविता की पत्नी पृश्नि ने तीन कन्याएँ सावित्री, व्याहृति और त्रयी और अग्निहोत्र, पशु, सोम, चातुर्मास्य और पंच महायज्ञ नामक पुत्रों को जन्म दिया।