न वेद धर्मं किल पद्मयोनि-
र्न ब्रह्मपुत्रा भृगुनारदाद्या: ।
न वै कुमार: कपिलो मनुश्च
ये नो निषेधन्त्यतिवर्तिनं हरम् ॥ १२ ॥
अनुवाद
हा अफसोस! ऐसा तो लगता है मानो कमल-पुष्प से जन्म लेनेवाले ब्रह्मा, भृगु और नारद जैसे महामुनि या सनत कुमार आदि चार कुमार कोई भी धर्म के नियमों से परिचित नहीं है। शायद इसीलिए उन्होंने कभी भी शिवजी को अनुचित ढंग से आचरण करने पर नहीं टोका।