श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य  »  अध्याय 16: राजा चित्रकेतु की परमेश्वर से भेंट  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  6.16.1 
 
 
श्रीबादरायणिरुवाच
अथ देवऋषी राजन् सम्परेतं नृपात्मजम् ।
दर्शयित्वेति होवाच ज्ञातीनामनुशोचताम् ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा- हे राजा परीक्षित! महर्षि नारद ने अपनी योगशक्ति से शोकाकुल स्वजनों के सामने उस पुत्र को लाकर बोले।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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