श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य  »  अध्याय 14: राजा चित्रकेतु का शोक  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  6.14.11 
 
 
तस्य भार्यासहस्राणां सहस्राणि दशाभवन् ।
सान्तानिकश्चापि नृपो न लेभे तासु सन्ततिम् ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  राजा चित्रकेतु की एक करोड़ पत्नियाँ थीं और यद्यपि वह सन्तान उत्पन्न करने में समर्थ थे, लेकिन उन्हें किसी भी पत्नी से कोई संतान नहीं हुई। संयोगवश, सभी पत्नियाँ बाँझ थीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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