देवताओं के परामर्श पर इन्द्र ने वृत्रासुर का वध किया जिसके फलस्वरूप उस पापात्मक हत्या के कारण उसे दंड भोगना पड़ा। यद्यपि अन्य देवतागण इस परिणाम से खुश थे, किन्तु वृत्रासुर के वध से इन्द्र को ज़रा भी प्रसन्नता नहीं हुई। धैर्य और ऐश्वर्य जैसी इन्द्र की अन्य उत्तम गुणवत्ताएँ भी उसके दुःख में उसका साथ नहीं दे सकी।