लोका: सपाला यस्येमे श्वसन्ति विवशा वशे ।
द्विजा इव शिचा बद्धा: स काल इह कारणम् ॥ ८ ॥
अनुवाद
इस पूरे ब्रह्मांड में सभी ग्रहों के सारे जीव, उन ग्रहों के अधिष्ठाता देवताओं को भी शामिल करके, भगवान के पूर्ण नियंत्रण में हैं। वे उन पक्षियों की तरह हैं जो जाल में फंस जाते हैं और स्वतंत्र रूप से उड़ नहीं सकते।