श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य  »  अध्याय 10: देवताओं तथा वृत्रासुर के मध्य युद्ध  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  6.10.11 
 
 
श्रीबादरायणिरुवाच
एवं कृतव्यवसितो दध्यङ्‌ङाथर्वणस्तनुम् ।
परे भगवति ब्रह्मण्यात्मानं सन्नयञ्जहौ ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  श्रीशुकदेव गोस्वामी ने कहा - इस प्रकार धर्वा के पुत्र दधीचि मुनि ने देवताओं के लिए अपने शरीर का त्याग करने का निश्चय किया। उन्होंने अपने आप को परम पुरुषोत्तम भगवान् के चरणों में अर्पित कर दिया और इस प्रकार पाँच तत्वों से बना अपना स्थूल शरीर त्याग दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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