श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य  »  अध्याय 1: अजामिल के जीवन का इतिहास  »  श्लोक 43
 
 
श्लोक  6.1.43 
 
 
एतैरधर्मो विज्ञात: स्थानं दण्डस्य युज्यते ।
सर्वे कर्मानुरोधेन दण्डमर्हन्ति कारिण: ॥ ४३ ॥
 
अनुवाद
 
  दंड के अधिकारी वे हैं जिनकी पुष्टि अनेक साक्षियों ने इस प्रकार की है कि वे अपने निर्दिष्ट नियमों के कार्यों से हटे हैं और पापकर्मों में लगे हुए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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