विकर्षतोऽन्तर्हृदयाद्दासीपतिमजामिलम् ।
यमप्रेष्यान् विष्णुदूता वारयामासुरोजसा ॥ ३१ ॥
अनुवाद
यमराज के आज्ञाकारी दूत वेश्यापति अजामिल के हृदय से आत्मा को बाहर निकाल रहे थे, परन्तु भगवान विष्णु के विष्णुदूतों ने ऊंची आवाज में उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।