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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 6: मनुष्य के लिए विहित कार्य
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अध्याय 1: अजामिल के जीवन का इतिहास
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श्लोक 21
श्लोक
6.1.21
कान्यकुब्जे द्विज: कश्चिद्दासीपतिरजामिल: ।
नाम्ना नष्टसदाचारो दास्या: संसर्गदूषित: ॥ २१ ॥
अनुवाद
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कान्यकुब्ज नामक नगर में रहने वाले अजामिल नामक ब्राह्मण ने एक वेश्यादासी से विवाह किया। उसके साथ रहते हुए निम्न श्रेणी की महिला की संगति में उसे अपने सभी ब्राह्मणिक गुणों को खोना पड़ा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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