केवल एक विरला व्यक्ति, जिसने कृष्ण की सम्पूर्ण और निर्मल भक्ति को अपनाया है, ही पापपूर्ण कार्यों के खरपतवारों को इस तरह उखाड़ सकता है कि उनके दोबारा उगने की कोई संभावना न रहे। वह भक्ति को पूर्ण रूप से अपनाने से ही ऐसा कर सकता है, जैसे सूर्य अपनी किरणों से कोहरे को तुरंत नष्ट कर देता है।