श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा  »  अध्याय 6: भगवान् ऋषभदेव के कार्यकलाप  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  5.6.12 
 
 
अयमवतारो रजसोपप्लुतकैवल्योपशिक्षणार्थ: ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  कलियुग में, लोग जुनून और अज्ञानता के भावों में डूबे हुए हैं। भगवान ऋषभदेव ने लोगों को माया के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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