ते च ह्यर्वाक्तनया निजलोकयात्रयान्धपरम्परयाऽऽश्वस्तास्तमस्यन्धे स्वयमेव प्रपतिष्यन्ति ॥ ११ ॥
अनुवाद
शिक्षा के अभाव के कारण, निचली जाति के लोग वैदिक सिद्धांतों से हटकर एक धार्मिक प्रथा का निर्माण करते हैं। अपने मनगढ़ंत विचारों के कारण वे स्वयं ही गहन अंधकार में गिर जाते हैं।