न वै भगवान्नूनममुष्यानुजग्राह यदुत पुनरात्मानुस्मृतिमोषणं मायामयभोगैश्वर्यमेवातनुतेति ॥ २२ ॥
अनुवाद
ईश्वर ने बलि महाराज को भौतिक सुख और ऐश्वर्य देकर अपनी कृपा नहीं दिखाई, क्योंकि इनसे भगवान की प्रेमभक्ति भूल जाती है। भौतिक ऐश्वर्य का नतीजा यह होता है कि फिर भगवान में मन नहीं लगता।