वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा
»
अध्याय 21: सूर्य की गतियों का वर्णन
»
श्लोक 10
श्लोक
5.21.10
यदा चैन्द्य्रा: पुर्या: प्रचलते पञ्चदशघटिकाभिर्याम्यां सपादकोटिद्वयं योजनानां सार्धद्वादशलक्षाणि साधिकानि चोपयाति ॥ १० ॥
अनुवाद
play_arrowpause
जब सूर्य इन्द्र की नगरी देवधानी से यमराज की नगरी संयमनी तक पंद्रह घड़ियों (छह घंटे) में कुल मिलाकर 2,37,75,000 योजन (19,02,00,000) का सफर तय करता है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.