श्रीशुक उवाच
एतावानेव भूवलयस्य सन्निवेश: प्रमाणलक्षणतो व्याख्यात: ॥ १ ॥
अनुवाद
श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा - हे राजा! मैंने महान विद्वानों के अनुमानों के अनुसार ब्रह्मांड के व्यास (पचास करोड़ योजन या 4 अरब मील) और इसकी सामान्य विशेषताओं का वर्णन किया है।