शाल्मलीद्वीप के स्वामी महाराज प्रियव्रत के पुत्र यज्ञबाहु ने द्वीप को सात भागों में विभाजित कर दिया था और अपने सात पुत्रों को दे दिया था। इन विभागों के नाम उनके पुत्रों के नाम पर ही रखे गए थे। ये नाम हैं - सुरोचन, सौमनस्य, रमणक, देववर्ष, पारिभद्र, आप्यायन और अविज्ञात।