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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा
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अध्याय 2: महाराज आग्नीध्र का चरित्र
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श्लोक 3
श्लोक
5.2.3
तदुपलभ्य भगवानादिपुरुष: सदसि गायन्तीं पूर्वचित्तिं नामाप्सरसमभियापयामास ॥ ३ ॥
अनुवाद
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इस ब्रह्मांड के सर्वशक्तिमान और प्रथम पुरुष भगवान ब्रह्मा ने राजा आग्नीध्र की इच्छा को जानकर अपनी सभा की श्रेष्ठ अप्सरा पूर्वचित्ति को चुनकर राजा के पास भेजा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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