मित्रवर, क्या तुम मुझे वो जगह दिखा सकते हो जहाँ तुम रहते हो? मैं सोच भी नहीं सकता कि वहाँ रहने वाले लोगों को तुम्हारी तरह उभरी हुई छातियाँ कैसे मिली हैं जो मुझे देखते ही मेरे मन और आँखों को मथ डालती हैं। इन लोगों की मीठी बोली और प्यारी मुस्कान देखकर तो लगता है कि इनके मुँह में अमृत बसा होगा।