श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा  »  अध्याय 16: जम्बूद्वीप का वर्णन  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  5.16.5 
 
 
यो वायं द्वीप: कुवलयकमलकोशाभ्यन्तरकोशो नियुतयोजन विशाल: समवर्तुलो यथा पुष्करपत्रम् ॥ ५ ॥
 
अनुवाद
 
  भूमंडल नाम से जाना जाने वाला ग्रह कमल के फूल की तरह दिखता है और इसके सातों द्वीप फूल के मध्य-भाग की तरह दिखते हैं। इस मध्य-भाग में स्थित जम्बूद्वीप की लंबाई और चौड़ाई दस लाख योजन (अस्सी लाख मील) है। जम्बूद्वीप कमल के पत्ते की तरह गोल है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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